नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली स्थित संजन वन में 30 जनवरी के बुलडोजर एक्शन पर बवाल जारी है. डीडीए ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत संजय वन क्षेत्र में 600 साल पुरानी अखूंदजी मस्जिद और 900 साल पुरानी बाबा हाजी रोजबीह की मजार को ध्ववस्त कर दिया. इसके बाद डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण के बुलडोजर एक्शन को एतरफा और संदेह की नजरों से देखा जाने लगा. ऐसे आरोप लगाए गए कि डीडीए ने केवल मस्जिद, मजार और कब्रों पर ही बुलडोजर चलाया है. मगर हकीकत तो यह है कि डीडीए ने केवल मस्जिद-मजार ही नहीं, बल्कि अवैध मंदिरों पर भी बुलडोजर चलाया.
दरअसल, महरौली इलाके के संजय वन स्थित आशिक अल्लाह की दरगाह, बाबा हाजी रोजबीह की मजार और अखंदूजी मस्जिद समेत कई दर्जनों कब्रों पर 30 जनवरी को डीडीए का बुलजोजर चला. डीडीए की नजर में ये सभी ध्वस्त की गईं संरचनाएं अवैध थीं. मगर इसका मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हालांकि, इन सबके बीच मंदिरों पर डीडीए के बुलडोजर एक्शन की खबरें गायब दिखीं. लेकिन हकीकत तो यह है कि संजय वन में ही स्थित ऐतिहासिक ज्वाला काली मंदिर को भी ढहा दिया गया. डीडीए ने जिन मंदिरों पर बुलडोजर चलाया, उनमें एक काली मंदिर, एक हनुमान मंदिर और दो शिव मंदिर शामिल थे.
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इन मंदिरों पर भी चला बुलडोजर
डीडीए के मुताबिक, संजय वन में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत 30 जनवरी को एक मस्जिद और 77 कब्रों के अलावा 4 मंदिरों को भी ध्वस्त किया गया है. इन मंदिरों में एक काली मंदिर, एक हनुमान मंदिर और दो शिव मंदिर थे. महरौली में 780 एकड़ क्षेत्र में फैले संजय वन के अंदर ये 82 संरचनाएं 16 स्थानों पर फैली हुई थीं.’ डीडीए के अधिकारी के मुताबिक, ‘संजय वन एक आरक्षित वन क्षेत्र है, जो दक्षिणी रिज का एक हिस्सा है. रिज प्रबंधन बोर्ड ने रिज क्षेत्र को सभी प्रकार के अतिक्रमण से मुक्त रखने का आदेश दिया है, जिसके बाद यह विध्वंस अभियान चलाया गया.’
बुलडोजर एक्शन के समय क्या हुआ था
बताया गया कि किसी की धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे, इसलिए मंदिरों पर बुलडोजर एक्शन से पहले ही डीडीए के अधिकारियों ने मूर्तियों को हटाकर एक सुरक्षित जगह पर रखवा दिया था. मंदिरों और मस्जिद-मजारों पर बुलडोजर एक्शन से पहले सुरक्षाबलों के साथ मौजूद डीडीए की टीम ने लोगों की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा. कथित तौर पर अवैध मंदिर और मस्जिद पर जब बुलडोजर एक्शन हो रहा था, तब उस ओर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी. पूरी तरह से बैरिकेडिंग कर दी गई थी और भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात थे.

कब हुआ था बुलडोजर एक्शन पर फैसला
डीडीए की मानें तो करीब दो साल पहले हिंदू और मुस्लिम निकायों को संजय वन के भीतर मौजूद धार्मिक निर्माणों की एक सूची प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था और जब उन्हें ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया तो बैठक के दौरान किसी भी धार्मिक निकायों द्वारा आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी. वहीं, धार्मिक समितियों के साथ 27 जनवरी 2024 को हुई बैठक में भी उन अवैध संरचनाओं को हटाने के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई थी. इसके बाद ही डीडीए ने 30 जनवरी को इन अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया, जिसमें कुछ मस्जिद, मजार और मंदिर भी थे.
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FIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 09:48 IST